यूपी बोर्ड ने शनिवार को कक्षा 10 और 12वीं के परिणाम घोषित किए, जिसमें से कई छात्रों ने टॉप किया, तो कुछ ने तंगहाली में भी अपनी लगन और मेहनत से परिवार का नाम रौशन किया। हम बात कर रहे हैं आगरा के शेर अली की जिसने यूपी बोर्ड हाई स्कूल की परीक्षा फर्स्ट डिवीज में पास की है।
बता दें कि कुछ साल पहले तक सड़कों पर भीख मांगने वाले 17 वर्षीय शेर अली ने 63% अंकों के साथ दसवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है। आगरा के माध्यमिक शिक्षा विभाग के पास एक झुग्गी में रहने वाला शेर अली अपनी इस कामयाबी से वहां रह रहे 40 परिवारों के लिए एक आदर्श बन गया है।
अंग्रेजी में 100 में से 80 अंक प्राप्त करने वाला अली अपने माता-पिता और आठ अन्य भाई-बहनों के साथ एक 8X8 फीट की झोपड़ी में रहता है। उस झोपड़ी में बिजली भी नहीं है। यहां ज्यादातर परिवार कूड़ा बीनने का काम करते हैं और उनके बच्चे भीख मांगने को मजबूर हैं। अली के माता-पिता अनपढ़ हैं। यही नहीं उसके लगभग सभी पड़ोसियों में से कोई भी दसवीं कक्षा तक नहीं पढ़ा है।
शेर अली एक स्थानीय बाल अधिकार कार्यकर्ता, नरेश पारस को भीख मांगने से बाहर निकालने और उन्हें स्कूल में भर्ती कराने का श्रेय दिया। पारस ने तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक की मदद से 2014 में 36 छात्रों को स्कूल में दाकिला दिलाने में कामयाबी हासिल की। शेर अली भी उनमें से एक था। अब अली लक्ष्य अग्निपथ योजना के माध्यम से सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का है।
अली के सफर को लेकर पारस ने कहा कि पढ़ाई में बेहतर करने के साथ ही साथ उसने बहुत सारे अवॉर्ड्स भी जीते हैं। उसने एथलेटिक्स और भारोत्तोलन सहित राज्य और जिला स्तर के खेल आयोजनों में कई पदक जीते हैं। अली आगरा में ताज महोत्सव जैसे प्रमुख कार्यक्रमों में नृत्य प्रदर्शन भी करता रहा है और वह अब एक अग्निवीर के रूप में भारतीय सेना में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।